- गांव छोटा दिल बड़ा, नहीं देखे गए भूखे, प्यासे गौवंश, अपनी जमीन पर कर पालन September 14, 2024ढाणी रणवा के 56 वर्षीय मालूराम बुड़िया बताते है है आज से करीब 17 बरस पहले उन्होंने गांव में बेसहारा घूम रही चार से पांच गौवंश को लाकर उनके चारे पानी की व्यवस्था की थी जिसके बाद आज उनके पास 350 से अधिक गौवंश है बुड़िया बताते है आज उनके गौवंश के लिए ढाई बीघा जमीन है.
- शिमला की इस इमारत में हुई थी हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक,जाने इतिहास September 14, 2024हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला अपनी खूबसूरत वादियों के साथ-साथ अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी मशहूर है. यहां की हर इमारत और स्थान अपने आप में इतिहास को समेटे हुए है.
- मशहूर है पाली की यह डिश, बारिश में बढ़ती है डिमांड, घंटों इंतजार करते हैं लोग September 14, 2024मिर्ची बड़ा वैसे तो पाली और जोधपुर का ही प्रसिद्ध है, लेकिन कॉमन रेसिपी ने इसका स्वाद देश के कोने-कोने तक पहुंचा दिया है. आज लोग घरों में भी मिर्ची बड़ा बड़े चाव से बनाते हैं. जोधपुर के कई लोग विदेश जाकर बस चुके हैं, लेकिन यहां से अपने साथ मिर्ची बड़ा जरूर लेकर जाते हैं.
- महाराणा प्रताप के सम्मान में बना यह बांध, यहां खेले जाते हैं वॉटर स्पोर्ट्स September 14, 2024महाराणा प्रताप सागर, पोंग बांध जलाशय या पोंग बांध झील के नाम से भी जाना जाता है. इसे 1975 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शिवालिक पहाड़ियों के आर्द्रभूमि क्षेत्र में ब्यास नदी पर भारत का सबसे ऊंचा मिट्टी भरा बांध बनाकर बनाया गया था.
- सोने की तरह चमकती है बक्सर की सोनाचूर चावल, स्वाद और खुशबू है बेमिसाल September 14, 2024राजपुर प्रखंड के कृषि पदाधिकारी शशि रंजन प्रसाद यादव ने जानकारी दी कि "एक जिला, एक उत्पाद" योजना के तहत बक्सर जिले में सोनाचूर धान का चयन किया गया है. यह धान की एक ऐसी किस्म है, जो जैविक खेती के लिए उपयुक्त है क्योंकि इसमें कम रसायन का उपयोग होता है.
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